Page 7 - We are Indians
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                                                                                                                                                                                   वेदभू मर ाक भारतं भारतम्।















                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                               ं
                                                                                                                                                                     सव जनसमै  भावब ुर भारतम्।















                                                                                                                                                  स धम  ेहशा    व वब ुभावभ रत -

















                                                                                                              भारत याः वयं भारत याः वयं भारत याः वयम्॥३॥







































                                                                                                                                                                 े
                                                               सभी  ा णय  क  लए समान भावना से पूण  यह हमारा भारत वेदभू म है।

















                                                                                                         व  ब धु व, स य धम ,  नेह और शाि त क  भावना से यु

















                                                                                                                                                                                            हम भारतीय ह , हम भारतीय ह  ।
































                                                                      Our Bhārata is the land of Vedas, a diadem of Bhārata














                                                                                                                                                           with equality therein of all beings.














                                                                                                                         Full of world-friendly feelings and Dharma














                                                                                                                      of truth, love and peace, we are Bhāratīyās,















                                                                                                                                                                                             indeed, we are Bhāratīyās.






















                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                        - स भा षतम्
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