Page 37 - Isha Upanishad
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īśopaniṣad
He who knows That as both in one, the Birth and the dissolution
of Birth, by the dissolution crosses beyond death and by the
Birth enjoys Immortality.॥14॥
(Translation by Sri Aurobindo)
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जो तत को इस प म जानता ह क वह एक साथ ज म और ज म का
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उ द या अ त दोन ह, वह ज म क उ द या अ त स म य को पार कर
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ज म स अमरता का आ वादन करता ह।