Page 19 - Isha Upanishad
P. 19

īśopaniṣad






























                                       That moves and That moves not; That is far and the same is






                                 near; That is within all this and That also is outside all this.॥5॥






                                                                                                                                                           (Translation by Sri Aurobindo)














                                           वह ग त करता ह और ग त नह  भी करता; वह  र ह और पास भी ह; इस
                                                                                                                                                                                      ै
                                                                                        ै
                                                                                                                                                                                                                                ै


                                                                                  सबक भीतर ह और इस सबक बाहर भी ह।
                                                                                                                                                                                                   ै
                                                                                                े
                                                                                                                         ै
                                                                                                                                                                  े
   14   15   16   17   18   19   20   21   22   23   24